भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो देश के संचार व्यवस्था को नई दिशा देंगे। इन नियमों का प्रभाव न केवल टेलीकॉम कंपनियों पर पड़ेगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं की दैनिक जीवन में भी बड़े बदलाव लाएगा।
नंबरिंग व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन
TRAI ने लैंडलाइन नंबरों के लिए एक नई व्यवस्था की शुरुआत की है। अब तक जो शॉर्ट डिस्टेंस चार्जिंग एरिया (SDCA) मॉडल चल रहा था, उसकी जगह लाइसेंस सर्विस एरिया (LSA) मॉडल आएगा। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नंबरिंग संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। पुरानी व्यवस्था में कई नंबर बिना उपयोग के पड़े रहते थे, लेकिन नई व्यवस्था में इन नंबरों को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
लैंडलाइन कॉलिंग में नया नियम
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब लैंडलाइन से कोई भी कॉल करने के लिए “0” लगाना अनिवार्य होगा। यह नियम STD कॉल्स के लिए विशेष रूप से लागू होगा। हालांकि, मोबाइल से की जाने वाली कॉल्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टेलीकॉम कंपनियों को इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है।
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अनचाहे कॉल से मुक्ति: CNAP सिस्टम
स्पैम कॉल और धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए TRAI ने एक नवीन व्यवस्था की शुरुआत की है – कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सिस्टम। यह सिस्टम ट्रूकॉलर जैसी सेवाओं की तरह काम करेगा, लेकिन यह सरकारी स्तर पर लागू होगा। जब भी कोई कॉल आएगी, फोन स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देगा। इससे अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स की पहचान आसान हो जाएगी और फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी।
निष्क्रिय मोबाइल नंबरों के लिए नई व्यवस्था
TRAI ने निष्क्रिय मोबाइल नंबरों के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोई भी नंबर 90 दिनों की निष्क्रियता से पहले बंद नहीं किया जा सकता। अगर कोई नंबर 365 दिनों तक बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो टेलीकॉम कंपनी को उसे निष्क्रिय करना होगा। यह नियम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे नंबरों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा और जरूरतमंद लोगों को नए नंबर मिल सकेंगे।
M2M कनेक्शन में नया आयाम
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए, मशीन-टू-मशीन (M2M) कनेक्शन के लिए 13 अंकों के नंबर की व्यवस्था की गई है। यह बदलाव भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। इससे स्मार्ट डिवाइस और IoT उपकरणों के लिए पर्याप्त नंबर उपलब्ध रहेंगे।
सरकारी सेवाओं के लिए विशेष शॉर्टकोड
TRAI ने शॉर्टकोड आवंटन की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। “लेवल-1” शॉर्टकोड अब विशेष रूप से सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित रहेंगे और इन्हें निःशुल्क आवंटित किया जाएगा। दूरसंचार विभाग (DoT) को हर साल इन शॉर्टकोड के उपयोग की समीक्षा करनी होगी।
उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक बदलाव
ये नए नियम कई तरह से उपभोक्ताओं के हित में हैं। CNAP सिस्टम से जहां अनचाहे कॉल से राहत मिलेगी, वहीं नई नंबरिंग व्यवस्था से बेहतर संचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। M2M कनेक्शन के लिए 13 अंकों के नंबर से स्मार्ट डिवाइस के प्रयोग में आसानी होगी। लैंडलाइन कॉलिंग के नए नियम से नंबरिंग संसाधनों का कुशल प्रबंधन होगा।
भविष्य की तैयारी
TRAI के ये नियम भारतीय दूरसंचार क्षेत्र को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये बदलाव न केवल वर्तमान की चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि भविष्य की जरूरतों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करेंगे। टेलीकॉम कंपनियों और उपभोक्ताओं को इन बदलावों के लिए तैयार रहना होगा।
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे इन नए नियमों से खुद को अवगत रखें। लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं को “0” उपसर्ग के साथ कॉल करने की नई प्रक्रिया को समझना होगा। निष्क्रिय नंबर के मालिकों को अपने नंबर को सक्रिय रखने के लिए समय-समय पर उसका उपयोग करना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। TRAI द्वारा समय-समय पर नियमों में बदलाव किया जा सकता है। कृपया नवीनतम जानकारी के लिए TRAI की आधिकारिक वेबसाइट देखें या अपने टेलीकॉम सेवा प्रदाता से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी लेखन के समय सही है, लेकिन भविष्य में इसमें बदलाव हो सकता है।