भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने एक फरवरी 2025 से क्रेडिट स्कोर और लोन आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करने की घोषणा की है। ये नए नियम वित्तीय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
पाक्षिक क्रेडिट स्कोर अपडेट
नए नियमों के तहत, क्रेडिट स्कोर का अपडेशन अब हर पंद्रह दिनों में किया जाएगा। यह बदलाव ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करेगा। पहले जहां यह अपडेट मासिक आधार पर होता था, वहीं अब महीने में दो बार होगा, जिससे ग्राहक अपनी क्रेडिट प्रोफाइल में किसी भी बदलाव को तुरंत देख सकेंगे।
लोन अस्वीकृति का स्पष्टीकरण
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब बैंकों को लोन आवेदन अस्वीकार करने के स्पष्ट कारण बताने होंगे। इससे ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनका लोन क्यों नहीं मंजूर हुआ और वे भविष्य में क्या सुधार कर सकते हैं।
क्रेडिट रिपोर्ट की निगरानी
नए नियमों के अनुसार, जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्था ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट देखेगी, उसे तुरंत एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। यह सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और अनधिकृत पहुंच को रोकने में मदद करेगा।
निःशुल्क वार्षिक क्रेडिट रिपोर्ट
हर ग्राहक को अब साल में एक बार अपनी पूर्ण क्रेडिट रिपोर्ट निःशुल्क प्राप्त करने का अधिकार होगा। क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर इस सेवा के लिए विशेष लिंक प्रदान करना होगा। यह सुविधा ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति का नियमित मूल्यांकन करने में सहायक होगी।
डिफॉल्ट पूर्व चेतावनी प्रणाली
बैंकों को अब लोन डिफॉल्ट से पहले ग्राहकों को चेतावनी देनी होगी। यह सूचना एसएमएस या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी, जिससे ग्राहक समय रहते अपने भुगतान को व्यवस्थित कर सकें और डिफॉल्ट से बच सकें।
शिकायत निवारण में सुधार
क्रेडिट स्कोर से संबंधित शिकायतों का समाधान अब 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा। इस अवधि में समाधान न होने पर संबंधित संस्था को प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। बैंकों को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा।
ग्राहकों के लिए लाभ
ये नए नियम ग्राहकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में सहायक होंगे। नियमित अपडेट, पारदर्शी प्रक्रियाएं और त्वरित शिकायत निवारण से वित्तीय सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
आरबीआई के ये नए नियम वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार हैं। ये बदलाव न केवल ग्राहकों को सशक्त बनाएंगे बल्कि बैंकिंग प्रणाली में विश्वास भी बढ़ाएंगे। ग्राहकों को इन नियमों का लाभ उठाते हुए अपनी वित्तीय योजना को बेहतर बनाना चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। नियमों और प्रावधानों में परिवर्तन हो सकता है। कृपया नवीनतम जानकारी के लिए आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी वित्तीय निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।